Monday 26 August 2013

केशव – वंदन




 
 
 तुम क्यों रूठे हो गोपाल
मेरी विनती सुनो नन्दलाल
भक्तों के तुम हो रखवाले
दीनों के तुम पालनहारे
तुम सबके दीनदयाल  ,तुम क्यों .....
मीरा ने गीतों में बसाया
राधा ने प्रीतों में समाया
तुम रखते सबका ख्याल, तुम क्यों .....
शांतिदूत बनकर तुम आये
साग विदुर घर के तुम खाये
तुम पुरुषोतम हर-हाल,तुम क्यों .....
मीत सुदामा के कहलाये
द्रोपदी के तुम चीर बढ़ाये
तुम रक्षक बन तत्काल
तुम क्यों रूठे हो गोपाल
 मेरी विनती सुनो नन्दलाल.

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