Thursday 28 August 2014

गणपति विनती


हे दयामय हे करुनामय सुन विनय मेरे सुरपति
तेरे दर पर आकर बैठी आन रख मेरे गणपति
शिव-शंकर के नंदन हो तुम
दीन-दुखी के वंदन हो तुम
हे लम्बोदर हे महोदर निर्बल के तुम हो शक्ति ,तेरे ....
सारे जग के संकट-नाशक
विघ्न-विनाशक मंगलकारक
हे सुरनायक हे सुखदायक तुम करुणा के हो मूर्ति ,तेरे ....
मुँह ना मोड़ो आस ना तोड़ो
रहो सहायक साथ ना छोड़ो
हे गजानन उर के पावन पद-पंकज में शीश झुकी ,तेरे .....    
                                        हे दयामय...  
  

Friday 22 August 2014

....और वो लावारिस हो गया




थक गयी पथ निहारकर
बैठ गयी इंतजार कर
सो गया बच्चा पेट पकड़
कब आयेंगे पापा घर .
सुबह काम पर जाते जल्दी
घर आने में देरी होती
आज तो बस हद ही कर दी
पड़ोसी करते काना-फूसी .
छोटी उमर में घर से भागी
अब जैसे सपनों से जागी
घर समाज में नाक कटा दी
अपनों में बन गयी अभागी .
बेवफा बन वो मुस्काया
हर कुटिल चालें अपनाया
जो बच्चा  संसार में आया
दुःख दरिद्र से नाता पाया .
आज कुछ करना ही होगा
सब यादें मिटाना होगा
इक राह चुनना ही होगा
उससे पीछा छुड़ाना होगा .
बच्चे का दुःख देख ना पाई
माँ से बन गयी काली माई
आँखों में आसूं भर आई
फफक-फफक कर रोई गाई .
दिन भर की सारी कमाई
उसके पति ने क्षण में गंवाई
गैरों के संग रात बिताई
अब पत्नी बन गयी पराई .
रातें हो गयी और भी गहरी
एक कटार हाथों में पकड़ी
अपने पति की फाड़ी अंतड़ी
खुद पुलिस के हाथों जकड़ी .
बच्चा बिलखता रह गया
बाप उसका मर गया
बचपन सिसकता रह गया
और वो लावारिस बन गया .
            
    

Friday 15 August 2014

जीवन में उतरेंगे कृष्ण



गोकुल में जन्में थे कृष्ण
मथुरा में पले थे कृष्ण
धर्म के रथपर कर्म के पथपर
चलते चले थे वो जीवनभर
उनके वचन गीता कहलाये
पावन इतनी कि कसमें खाये
युद्ध में भी सामर्थ्य दिखाये
धर्म-अधर्म का अर्थ बताये
चैन की वो वंशी भी बजाये
जीवन क्या है ये समझाये
उनसे जुड़ी थी जो भी चीज
अमूल्य हो गया है वो प्रतीक
कृष्ण प्रेम से मुँह ना मोड़े
पुरुष बने पुरुषार्थ ना छोड़े
भोगी बनकर धर्म ना छोड़े
योगी बनकर कर्म ना छोड़े
जबतक है जीवन के क्षण
बढे सार्थक सही कदम
जीवन में उतरेंगे कृष्ण
घन बनकर बरसेंगे कृष्ण .


                     HAPPY JANMASHTAMI.             

   

Friday 8 August 2014

राखी के वचन महान



राखी के हैं वचन महान
मिल के बचायें इसकी आन
रिश्तों का सौन्दर्य ना टूटे
प्यार का माधुर्य ना छूटे
होठों पर छाये मुस्कान ..
विश्वास भरी टूटे ना डोरी
ये कोमल रेशम की डोरी
इक-दूजे पर हो अभिमान ..
दुनिया विरुद्ध हो जाये सारी
निः स्वार्थ निभाए जिम्मेदारी
इसकी पावन है पहचान ..
हो जाये कितनी भी गलती
है भाई-बहन से इतनी विनती
                      क्षमा करे देकर स्नेह-दान.