Friday 3 April 2015

हनुमान-नमन


तेरी महिमा गाये पुराण
मैं क्या लिखूँ भगवान
तेरी महिमा गाये पुराण ..
तुम अंजनी के पूत प्यारे
तुम वैदेही के दुलारे
तुम रामदूत हनुमान
तेरी महिमा गाये पुराण ..
तुम काल बने संहारक
तुम रावण दर्प विदारक
तुम सेवक प्रिय सुखधाम
तेरी महिमा गाये पुराण ..
तुम बुद्धि-बल के आगर
तुम लाँघ गए थे सागर
तुम वायु पुत्र बलवान
तेरी महिमा गाये पुराण ..
तुम भक्तों के उपकारी
तुम तुलसी के हितकारी
तुम शंकर के अभिमान
तेरी महिमा गाये पुराण ..  

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