Saturday 20 June 2015

विश्व-व्यापी योग



प्रभात काल के अरुणोदय से
नवयुग का अवतरण हुआ है
विश्व व्यापी अभियान चला है
योग दिवस पर योग जगा है.
स्वस्थ हो काया स्वच्छ हो जीवन  
यही अलख सब ओर सुना है
चरित्र चिन्तन को दिशा मिले
इसीलिए जन योग चुना है.
दुनिया भर के लोगों ने
अपनी ख़ुशी को बयान किया है
पुनर्जागरण की इस बेला में
निज सपनों को आह्वान किया है.  
ज्ञान कर्म भक्ति का समागम
योग में सारी तत्व छुपा है
चेतना जगत में उठनेवाले
तूफानों का अंत हुआ है.
वैदिक युग के ऋषि-मुनि ने
योगों को अपनाया था
रोगमुक्त-आरोगमुक्त हो
मानवता को बसाया था.
विवेकशील भावों से भरकर
दूर करे मन की विकार
विश्व योग की अगवानी में
स्वस्थ जीवन की करे विचार.
हिंसा अत्याचार मुक्त हो
बदलेगा अब अपना समाज
तरुणाई मुस्कान भरेगी
      बाट देखती वसुधा आज.       

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